शिवानी नाम की एक गृहिणी, जो उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में रहती थी, हर महीने डिपो से सस्ता राशन लेने जाती थी। लेकिन इस बार जब वह डिपो पहुंची, तो उसे बताया गया कि उसका राशन कार्ड ब्लॉक हो गया है। यह सुनकर वह हैरान रह गई और समझ नहीं पाई कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।

डिपो संचालक ने शिवानी को बताया कि वह और उसके परिवार के सदस्यों ने अभी तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की है, और इसी वजह से उनका राशन कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है। साथ ही, उसे यह चेतावनी दी गई कि यदि वह जल्दी ई-केवाईसी नहीं करवाएगी, तो अगले महीने भी उसे राशन नहीं मिलेगा।
अब शिवानी ने फैसला किया कि वह सबसे पहले ई-केवाईसी के बारे में समझेगी और इसे जल्द से जल्द पूरा करेगी।
ई-केवाईसी क्यों जरूरी है?
शिवानी ने गाँव के एक लोक मित्र केंद्र पर जाकर ई-केवाईसी के बारे में जानकारी ली। उसे बताया गया कि यह प्रक्रिया राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी है।
- फर्जी राशन कार्ड पर लगाम: ई-केवाईसी से यह सुनिश्चित किया जाता है कि राशन केवल सही और जरूरतमंद लोगों को मिले।
- डाटा अपडेट: इससे सरकार को यह पता चलता है कि किसे सस्ते राशन की सबसे ज्यादा जरूरत है।
- डिजिटल रिकॉर्ड: ई-केवाईसी होने से उपभोक्ताओं का डिजिटल रिकॉर्ड बनता है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचता है।
ई-केवाईसी न करवाने के नतीजे
शिवानी को यह भी समझाया गया कि ई-केवाईसी न करवाने के क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं:
- राशन कार्ड ब्लॉक: ई-केवाईसी न होने पर राशन कार्ड ब्लॉक कर दिया जाएगा।
- सस्ते राशन का नुकसान: डिपो से सस्ता राशन नहीं मिलेगा।
- समय और मेहनत की बर्बादी: राशन कार्ड को अनब्लॉक करवाने के लिए अतिरिक्त समय और प्रयास करना पड़ेगा।
ई-केवाईसी प्रक्रिया कैसे करें?
शिवानी को अब यह जानना था कि ई-केवाईसी कैसे की जाती है। उसे बताया गया कि ई-केवाईसी के लिए तीन आसान तरीके हैं:
1. मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे करें ई-केवाईसी
- सबसे पहले, खाद्य आपूर्ति विभाग के मोबाइल ऐप को डाउनलोड करें।
- अपने राशन कार्ड नंबर और आधार नंबर दर्ज करें।
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- प्रक्रिया पूरी होने पर कन्फर्मेशन मैसेज मिलेगा।
2. लोक मित्र केंद्र पर जाकर करें ई-केवाईसी
- अपने नजदीकी लोक मित्र केंद्र जाएं।
- राशन कार्ड और आधार कार्ड साथ ले जाएं।
- वहां उपलब्ध पीओएस मशीन के जरिए ई-केवाईसी पूरी करें।
3. फेस रीडिंग तकनीक का उपयोग
- शिवानी ने यह भी जाना कि अब पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फेस रीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- इसके लिए बच्चों के आधार कार्ड में फोटो अपडेट करवाना अनिवार्य है।
ई-केवाईसी अभियान और सरकार की पहल
शिवानी को यह भी पता चला कि सरकार पिछले तीन वर्षों से ई-केवाईसी अभियान चला रही है। लेकिन उपभोक्ताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिससे लाखों राशन कार्ड ब्लॉक हो गए हैं।
सरकार ने अब जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि लोग ई-केवाईसी की प्रक्रिया और इसके फायदे समझ सकें। साथ ही, विभाग ने एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है, जिससे उपभोक्ता घर बैठे ही अपनी ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
डिपो संचालकों का हाल
शिवानी को यह जानकर हैरानी हुई कि राशन कार्ड ब्लॉक होने का असर सिर्फ उपभोक्ताओं पर ही नहीं, बल्कि डिपो संचालकों पर भी पड़ा है।
- कम कमीशन: ब्लॉक राशन कार्ड के कारण डिपो संचालकों को उनका कमीशन नहीं मिल रहा है।
- अधिक राशन स्टॉक: राशन बिक नहीं रहा, जिससे डिपो में स्टॉक भर गया है।
- आर्थिक संकट: इससे डिपो संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
डिपो संचालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कवि ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके।
समस्या का समाधान
शिवानी ने अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली। उसने अपने मोबाइल ऐप के जरिए घर बैठे ही अपने राशन कार्ड को अनब्लॉक करवा लिया। साथ ही, उसने यह भी सुनिश्चित किया कि उसके परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड अपडेट हों।
यदि आपका राशन कार्ड भी ब्लॉक हो गया है, तो इन आसान तरीकों से इसे फिर से अनब्लॉक करवाएं:
- लोक मित्र केंद्र जाएं और अपनी ई-केवाईसी करवाएं।
- मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें और घर बैठे प्रक्रिया पूरी करें।
- बच्चों के आधार कार्ड में फोटो अपडेट करवाएं।
निष्कर्ष
शिवानी की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया को समय पर पूरा करना कितना जरूरी है। इससे न केवल आपको सस्ते राशन का लाभ मिलता है, बल्कि यह सरकारी योजनाओं को पारदर्शी और सही बनाता है।
अगर आपने अभी तक अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो आज ही यह प्रक्रिया पूरी करें। इससे आप सस्ते राशन का लाभ उठा पाएंगे और डिपो संचालकों को भी राहत मिलेगी।
याद रखें, ई-केवाईसी सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक कदम है बेहतर और पारदर्शी राशन वितरण प्रणाली की ओर।